आज ही के दिन 1920 में फिल्म जगत के खलनायक प्राण का जन्म हुआ था। फिल्म में इनके दमदार डायलॉग से अच्छे अच्छे नायको के पछीने छूट जाते थे।
इस इलाके में नए आए हो बरखुरदार, वर्ना यहां शेर खान को कौन नहीं जानता! ये डायलॉग आज भी लोगो के दिल और दिमाग में बसा है।
जंजीर
हमारी जेल से संगीन से संगीन कैदी जो बाहर गया है उसने तुम्हारे उस दरबार में दुआ मांगी है तो यही दुआ मांगी है के अगर दोबारा जेल जाए तो रघुबीर सिंह की जेल में ना जाए
कालिया
शेर खान शेर का शिकार नहीं करता, वैसे भी हमारे मुल्क में तो शेर बहुत कम रह गए हैं।
जंजीर
इस ज़मीन पर फतेह खां अकेला पैदा नहीं हुआ है| उसके साथ उसकी बला कि जिद भी पैदा हुई है |
सनम बेवफा
भारत तू दुनिया की छोड़ पहले अपनी सोच राम ने हर युग में जन्म लिया है लेकिन लक्ष्मण जैसा भाई दोबारा पैदा नहीं हुआ।
उपकार
कर्ज चुकाने वालों की याददाश्त हमेशा कमजोर हो जाती हैै।
कर्ज
कहीं मेरी जिद किसी जिद पर आ गई, तो अपनी बेटी के रास्तों में पड़े हुए बेशुमार कांटो को तो मैं अपने दामन में समेट लूंगा, लेकिन तेरे रास्ते दहकते हुए अंगारों से भर दूंगा